Maa Chamunda temple, Mehrangarh Fort, Jodhpur-माँ चामुंडा मंदिर, मेहरानगढ़ किला, जोधपुर

 






जोधपुर में मां चामुंडा देवी का सुंदर मंदिर अवस्थित है। 1459 में राव जोधा जी ने इस मंदिर को स्थापित किया था। पहले तो यहां केवल आस-पड़ोस के गांव से ही श्रद्धालु मां के दर्शनों के लिए आते थे लेकिन 1965 के युद्ध उपरांत भक्तों की आस्था और भक्ति मां में बढ़ गई। हुआ यूं की 1965 में जब युद्ध हुआ तो दुश्मन ने जोधपुर पर अपना निशाना साधा। उस समय जोधपुर वासियों के जान और माल पर संकट के बादल मंडराने लगे। तब मां चामुंडा ने चील का रूप धरकर जोधपुर वासियों की रक्षा करी। 

मंदिर के पंडित जी का कहना है मां चामुंडा की शक्ति देखने के बाद से लेकर आज की तारिख में विश्व भर से श्रद्धालु यहां आकर नतमस्तक होते हैं। बहुत सी विश्व प्रसिद्ध हस्तियां यहीं आकर अपने मांगलिक कार्य पूर्ण करती हैं। यहां के स्थानिय लोग आज से लगभग 550 वर्ष पूर्व मां चामुंडा देवी को मंडोर के परिहारों की कुल देवी के रूप में पूजते थे। जब जोधपुर की बुनियाद रखी गई तो मेहरानगढ़ की पहाड़ी पर मंदिर को स्थापित किया गया। जोधपुर के राजघराने की इष्ट देवी के रूप में मां का पूजन किया जाता है।


मां चामुंडा देवी का है. इस इलाके में मां चामुंडा देवी को अब से करीब 550 साल पहले मंडोर के परिहारों की कुल देवी के रूप में पूजा जाता था. जोधपुर की स्थापना के साथ ही मेहरानगढ़ की पहाड़ी पर जोधपुर के किले पर इस मंदिर को स्थापित किया गया.

मां चामुंडा जोधपुर के राजघराने की इष्ट देवी हैं. मां चामुंडा के इस मंदिर की स्थापना 1459 में राव जोधा जी ने की थी. पहले मां चामुंडा को जोधपुर और आस-पास के लोग ही मानते थे और इनकी पूजा अर्चना किया करते थे. लेकिन मां चामुंडा में लोगों का विश्वास 1965 के युद्ध के बाद बढ़ता चला गया.

लोगों की आस्था बढ़ने के पीछे की वजह के बारे में कहा जाता है कि जब 1965 का युद्ध हुआ था, तब सबसे पहले जोधपुर को टारगेट बनाया गया था और मां चामुंडा ने चील के रूप में प्रकट होकर जोधपुरवासियों की जान बचाई थी और किसी भी तरह का कोई नुकसान जोधपुर को नहीं होने दिया था. तब से जोधपुर वासियों में मां चामुंडा के प्रति अटूट विश्वास है.

मंदिर के पुजारी घनश्याम पुरोहित ने कहा कि मां चामुंडा का परचम इतना लहराया है कि आज जोधपुर से बाहर शायद ही कोई ऐसा गांव या शहर ऐसा होगा, जहां मां चामुंडा को लोग नहीं मानते और जानते हों. इसी वजह से देश और विदेश की जानी मानी हस्तियां जोधपुर में आकर अपने मांगलिक कार्य पूरे करते है.

Comments

Popular posts from this blog

Mata Bhimeshwari Devi Temple at Beri-बेरी में माता भीमेश्वरी देवी मंदिर

Baglamukhi Temple- बगलामुखी मंदिर कांगड़ा

तारा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश-Tara Devi Temple, Himachal Pradesh