भारतीय हिंदू नव वर्ष के बारे में जानकारी-Information about Indian Hindu New Year


१ जनवरी को मनाया जाने वाला विश्वव्यापी इसाई नववर्ष पश्चिमी सभ्यता के कारण हमारे समाज के लोग बहुत ही धूम धाम से मानते हैं, क्योंकि समाज के लोगों को भारतीय हिंदू नववर्ष के विषय में जानकारी ही नहीं है । उसकी जानकारी मैं आप तक भेज रहा हूँ जिससे आपअपने मित्रों, सगे संबंधियों को मैसेज,फोन कॉल करके ये बता सकते हैं कि हम हिंदू नववर्ष क्यों मनाएं ।

आगामी २१ मार्च २०१५ को अपने हिंदू समाज का नववर्ष है आपसे निवेदन है की अपने मित्रों, सगे संबंधियों को मैसेज,फोन कॉल करके बधाई व शुभकामनायें दें । ऐसा आपसे हमारा आग्रह है ।

 

चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा का ऐतिहासिक महत्व :

1. चैत्र शुक्लपक्ष प्रतिपदा से एक अरब 97 करोड़ 39लाख 49 हजार 114 साल पहले इसी दिन को ब्रह्मा जी ने सृष्टि का सृजन किया था।

2. सम्राट विक्रमादित्य ने 2072 साल पहले इसी दिन राज्य स्थापित कर विक्रम संवत की शुरुआत की।

3. लंका में राक्षसों का संहार कर अयोध्या लौटे मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का राज्याभिषेक इसी दिन किया गया।

4. शक्ति और भक्ति के नौ दिन अर्थात नवरात्र स्थापना का पहला दिन यही है। प्रभु राम के जन्मदिन रामनवमी से पूर्व नौ दिन उत्सव मनाने का प्रथम दिन।

5. शालिवाहन संवत्सर का प्रारंभ दिवस. विक्रमादित्य की भांति शालिवाहन ने हूणों को परास्त कर दक्षिण भारत में श्रेष्ठतम राज्य स्थापित करने हेतु इसी दिन का चयन किया।

7. सिख परंपरा के द्वितीय गुरु अंगददेव का जन्म दिवस।

8. सिंध प्रांत के प्रसिद्घ समाज रक्षक वरुणावतार संत झूलेलाल इसी दिन प्रकट हुए।

9. युगाब्द संवत्सर का प्रथम दिन, 5117 वर्ष पूर्व युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन हुआ।

10. इसी दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के संस्थापक डॉ. केशव राव बलिराम हेडगेवार का जन्मदिवस भी है।

 

प्राकृतिक महत्व :

1.वसंत ऋतु का आरंभ वर्ष प्रतिपदा से ही होता है, जो उल्लास, उमंग, खुशी तथा चहुं ओर पुष्पों की सुगंध से भरी होती है।

२. फसल पकने का प्रारंभ यानी किसान की मेहनत का फल मिलने का समय भी यही होता है.

3. नक्षत्र शुभ स्थिति में होते है. यानी किसी भी कार्य प्रारंभ करने के लिए शुभ मुहूर्त होता है।

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