श्री मंगला स्त्रोत (Shree Mangla Jayanti Stotra )



" वर मांगू वरदायिनी निर्मल बुद्धि दो, मंगला स्त्रोत पढूँ मैं सिद्ध कामना हो...
ऋषियों के यह वाक्य हैं सच्चे सहित प्रमाण, श्रधा भाव से पढ़े सुने हो जाए कल्याण...
जय माँ मंगला भद्रकाली महारानी, जयंती महाचंडी दुर्गा भवानी...
मधुकैटभ तुमने संहार देने, मैया चंड और मुंड भी मार दीने...
दया करके मेरे भी संकट मिटाना, मुझे रूप जय तेज और यश दिलाना...
जभी रक्तबीज ने प्रलय मचाई, डरे देव देने लगे तब दुहाई...
तो माँ मंगला चंडी बनकर तू आई, पिया खून उसका अलख ही मिटाई...
तू ही शत्रुओं का मिटती निशाँ हो, पुकारे जहा पहुँच जाती वहां हो...
दया करके मेरी भी आशा पूजाना, मुझे रूप जय तेज और यश दिलाना...
सभी रोग चिंता मिटाती हो अम्बे, सभी मुश्किलों को हटाती हो अम्बे...
तू ही दासों का दाती कल्याण करती, तू ही लक्ष्मी बनके भण्डारे भारती..
शिवा और इन्द्रानी परमेश्वरी तू, "दास" अपने दासों की मातेश्वरी तू...
जगत जननी मेरी भी बिगड़ी बनाना, मुझे रूप जय तेज और यश दिलाना...
जो भक्ति व श्रधा से गुण तेरे गाये, जो विश्वाश से अम्बे तुझको ध्याये...
पढ़े दुर्गा स्तुति तेरी महिमा जाने, सुने पाठ मैया तेरी शक्ति माने...
उसे पुत्र पौत्र आदि धन दान देना, गृहस्ती के घर में सुख आराम देना...
चढ़ी सिंह पे अपना दर्शन दिखाना, मुझे रूप जय तेज और यश दिलाना...
ये स्त्रोत पढ़ के जो सर को झुकाए, सुने पाठ अम्बे तेरा नाम गाये..
उसे मैया चरणों में अपने लगाना, अवश्य उसकी आशाएं सारी पूजाना..
"दास" को तो है पूरा विश्वाश दाती, है रग रग में तेरा ही वास दाती..."
जयकारा माँ मंगला रानी का, बोल सच्चे दरबार की जय....

Comments

Popular posts from this blog

Mata Bhimeshwari Devi Temple at Beri-बेरी में माता भीमेश्वरी देवी मंदिर

Baglamukhi Temple- बगलामुखी मंदिर कांगड़ा

तारा देवी मंदिर, हिमाचल प्रदेश-Tara Devi Temple, Himachal Pradesh