Kali Mata Temple of Kalka, Panchkula पंचकूला के कालका का काली माता मंदिर
काली माता मंदिर, कालका (पंचकूला), हरियाणा
इतिहास युग में महिषासूर, शुम्भ- निशुम्भ, रक्तबीज, चण्ड- मुण्ड आदि असुरो का उवद्रव बहुत बढ़ गया था ओर देवता लोग भी डरकर पहाड़ों की कन्दराओं में छिप गए थे. तभी उन्होंने माँ दुर्गा की स्तुति की. उनसे खुश होकर माँ दुर्गा प्रगट हुई. माँ दुर्गा ने ऐसा रूप धारण किया जिसके कई हजारो हाथ, पैर थे!
शम्भू ने त्रिशूल, चक्र विष्णु ने दिना | अग्नि से शक्ति और शंख वर्ण से लीना | धनुष बाण, तरकश, वायु ने भेंट चढ़ाया | सागर ने रत्नों का माँ को हार पहनाया | सूर्य ने सब रोम किए रोशन माता के | बज्र दिया इन्द्र ने हाथ में जगदाता के | एवरात की घण्टी इंद्र ने दे डारी | सिंह हिमालय ने दीना करने को सवारी | काल ने अपना खड़ग दिया फिर सीस निवाई | ब्रहम जी ने दिया कमण्डल भेंट चढ़ाई | विशकर्मा ने अदभुत इक परसा दे दीना | शेषनाग ने छत्र माता की भेंटा किना | वस्त्र आभूषन नाना भांति देवन पहनाए | रत्न जड़ित मैय्या के सिर पर मुकुट सुहाए
शास्त्रों से विभूषित हो कर माँ रन भूमि में प्रगट होकर महिषासुर आदि सभी देत्यो का वध करके जिस स्थान में प्रगट हुई थी वो आज काली माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है जो कि हरियाणा के पंचकूला जिला कालका में स्तिथ है
काली माता मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है। यह कालका शहर से होकर गुज़रता है। यह प्राचीन मंदिर काली देवी को समर्पित है और हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि उत्सव के दौरान यहाँ भारी भीड़ होती है। इस क्षेत्र के हिंदू तीर्थ स्थानों में यह बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि पौराणिक महत्व भी है। यह मंदिर महाभारत काल से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने उनके ’अज्ञातवास’ के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया था। भगवान शिव की पूजा पूरे पंचकूला में लोकप्रिय है। भगवान शिव के साथ देवी शक्ति की भी पूजा होती है। इस देवी को दुर्गा, कालिका, चंडी, नैना, मनसा, शारदा, अंबिका, काली और भवानी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। कालका हिमाचल प्रदेश के प्रवेशद्वारों में से एक है। यह चंडीगढ़ से 14कि.मी. दूर है तथा कालका-शिमला रेलवे का अंतिम बिंदु है। इस शहर का नाम इस काली देवी मंदिर से ही लिया गया है। 103 सुरंगों से होकर गुज़रने वाली रेल यात्रा एक आरामदायक और रोमांचक विकल्प है।
Kali Mata Temple, Kalka (Panchkula), Haryana
In the history era, the rise of Asuras like Mahishasura, Shumbha-Nishumbh, Bloodbiz, Chand-Mund etc. was greatly increased and the Gods people also hid in the temples of the mountains with fear. Then he praised Maa Durga. Mother Durga appeared after being happy with him. Mother Durga took such a form that had thousands of hands, feet!
Shambhu trident, Chakra Vishnu Dina | Power from fire and Lena from conch shell. Bow arrows, quiver, wind offered. Sagar put a necklace on Mother of Gems. Surya roamed all of Roshan's mother. Indra gave the hand to Jagdata. Indra gave the bell to Everett. Singh Himalaya rides to Dinah. Kaal gave his case and then took sis. Brahm ji offered a lotus offering. Vishkarma gave a wonderful story Sheshnag kills Chhatra Mata. Dress the dress like a demon. The crown on the head of the jewel-studded Maya
Being revered in the scriptures, after appearing in the mother-run land, killing all the demons like Mahishasura etc., the place where it was revealed is today known as Kali Mata Mandir, which is located in Kalka, Panchkula district of Haryana.
Kali Mata Temple is located on National Highway 22. It passes through the city of Kalka. This ancient temple is dedicated to Kali Devi and is famous as a Hindu pilgrimage site. There is a huge crowd during the Navratri festival. It is very popular among the Hindu pilgrimage places of the region. This temple has not only religious significance but also has mythological significance. This temple belongs to the Mahabharata period. It is believed that the Pandavas built this temple during their 'unknown'. The worship of Lord Shiva is popular throughout Panchkula. Goddess Shakti is also worshiped along with Lord Shiva. This goddess is also called by the names Durga, Kalika, Chandi, Naina, Mansa, Sharda, Ambika, Kali and Bhavani. Kalka is one of the gateways of Himachal Pradesh. It is 14 km from Chandigarh. Is far away and is the end point of the Kalka-Shimla railway. The name of this city is derived from this Kali Devi temple itself. Rail travel through 103 tunnels is a comfortable and exciting option.
इतिहास युग में महिषासूर, शुम्भ- निशुम्भ, रक्तबीज, चण्ड- मुण्ड आदि असुरो का उवद्रव बहुत बढ़ गया था ओर देवता लोग भी डरकर पहाड़ों की कन्दराओं में छिप गए थे. तभी उन्होंने माँ दुर्गा की स्तुति की. उनसे खुश होकर माँ दुर्गा प्रगट हुई. माँ दुर्गा ने ऐसा रूप धारण किया जिसके कई हजारो हाथ, पैर थे!
शम्भू ने त्रिशूल, चक्र विष्णु ने दिना | अग्नि से शक्ति और शंख वर्ण से लीना | धनुष बाण, तरकश, वायु ने भेंट चढ़ाया | सागर ने रत्नों का माँ को हार पहनाया | सूर्य ने सब रोम किए रोशन माता के | बज्र दिया इन्द्र ने हाथ में जगदाता के | एवरात की घण्टी इंद्र ने दे डारी | सिंह हिमालय ने दीना करने को सवारी | काल ने अपना खड़ग दिया फिर सीस निवाई | ब्रहम जी ने दिया कमण्डल भेंट चढ़ाई | विशकर्मा ने अदभुत इक परसा दे दीना | शेषनाग ने छत्र माता की भेंटा किना | वस्त्र आभूषन नाना भांति देवन पहनाए | रत्न जड़ित मैय्या के सिर पर मुकुट सुहाए
शास्त्रों से विभूषित हो कर माँ रन भूमि में प्रगट होकर महिषासुर आदि सभी देत्यो का वध करके जिस स्थान में प्रगट हुई थी वो आज काली माता मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है जो कि हरियाणा के पंचकूला जिला कालका में स्तिथ है
काली माता मंदिर राष्ट्रीय राजमार्ग 22 पर स्थित है। यह कालका शहर से होकर गुज़रता है। यह प्राचीन मंदिर काली देवी को समर्पित है और हिंदू तीर्थ स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। नवरात्रि उत्सव के दौरान यहाँ भारी भीड़ होती है। इस क्षेत्र के हिंदू तीर्थ स्थानों में यह बहुत लोकप्रिय है। इस मंदिर का केवल धार्मिक महत्व ही नहीं है बल्कि पौराणिक महत्व भी है। यह मंदिर महाभारत काल से संबंधित है। ऐसा माना जाता है कि पांडवों ने उनके ’अज्ञातवास’ के दौरान इस मंदिर का निर्माण किया था। भगवान शिव की पूजा पूरे पंचकूला में लोकप्रिय है। भगवान शिव के साथ देवी शक्ति की भी पूजा होती है। इस देवी को दुर्गा, कालिका, चंडी, नैना, मनसा, शारदा, अंबिका, काली और भवानी आदि नामों से भी पुकारा जाता है। कालका हिमाचल प्रदेश के प्रवेशद्वारों में से एक है। यह चंडीगढ़ से 14कि.मी. दूर है तथा कालका-शिमला रेलवे का अंतिम बिंदु है। इस शहर का नाम इस काली देवी मंदिर से ही लिया गया है। 103 सुरंगों से होकर गुज़रने वाली रेल यात्रा एक आरामदायक और रोमांचक विकल्प है।
Kali Mata Temple, Kalka (Panchkula), Haryana
In the history era, the rise of Asuras like Mahishasura, Shumbha-Nishumbh, Bloodbiz, Chand-Mund etc. was greatly increased and the Gods people also hid in the temples of the mountains with fear. Then he praised Maa Durga. Mother Durga appeared after being happy with him. Mother Durga took such a form that had thousands of hands, feet!
Shambhu trident, Chakra Vishnu Dina | Power from fire and Lena from conch shell. Bow arrows, quiver, wind offered. Sagar put a necklace on Mother of Gems. Surya roamed all of Roshan's mother. Indra gave the hand to Jagdata. Indra gave the bell to Everett. Singh Himalaya rides to Dinah. Kaal gave his case and then took sis. Brahm ji offered a lotus offering. Vishkarma gave a wonderful story Sheshnag kills Chhatra Mata. Dress the dress like a demon. The crown on the head of the jewel-studded Maya
Being revered in the scriptures, after appearing in the mother-run land, killing all the demons like Mahishasura etc., the place where it was revealed is today known as Kali Mata Mandir, which is located in Kalka, Panchkula district of Haryana.
Kali Mata Temple is located on National Highway 22. It passes through the city of Kalka. This ancient temple is dedicated to Kali Devi and is famous as a Hindu pilgrimage site. There is a huge crowd during the Navratri festival. It is very popular among the Hindu pilgrimage places of the region. This temple has not only religious significance but also has mythological significance. This temple belongs to the Mahabharata period. It is believed that the Pandavas built this temple during their 'unknown'. The worship of Lord Shiva is popular throughout Panchkula. Goddess Shakti is also worshiped along with Lord Shiva. This goddess is also called by the names Durga, Kalika, Chandi, Naina, Mansa, Sharda, Ambika, Kali and Bhavani. Kalka is one of the gateways of Himachal Pradesh. It is 14 km from Chandigarh. Is far away and is the end point of the Kalka-Shimla railway. The name of this city is derived from this Kali Devi temple itself. Rail travel through 103 tunnels is a comfortable and exciting option.
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